शनिवार, 4 सितंबर 2010

दुनिया मेरी भैंस


मैं अहीर हूँ
और ये दुनिया मेरी भैंस है 
मैं उसे दुह रहा हूँ
और कुछ लोग कुदा रहे हैं 
ये कउन ( कौन ) लोग हैं जो कुदा रहे हैं ?
आपको पता है.
क्यों कुदा रहे हैं ?
ये भी पता है.
लेकिन एक बात का पता 
न हमको है न आपको न उनको 
कि इस कुदाने का क्या परिणाम होगा 
हाँ ...इतना तो मालूम है 
कि नुकसान तो हर हाल में खैर 
हमारा ही होगा 
क्योंकि भैंस हमारी है
दुनिया हमारी है !
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बीडी पीते बाघ






कि अभी मैं आपको बताऊंगा नहीं 
बताऊंगा तो आप डर जायेंगे 
कि मेरी सामने वाली इस जेब में
एक बाघ सो रहा है 

लेकिन आप डरे नहीं 
ये बाघ
इस कदर से मैंने ट्रेंड कर रखा है
कि अब आप देखें 
कि मेरी सामने वाली जेब में एक बाघ सो रहा है 
लेकिन आपको पता नहीं चल सकता 
कि बाघ है 
सामने वाली जेब में एक आध बाघ पड़े हों 
तो कविता सुनाने में सुभीता रहता है 
लेकिन एक बात बताऊँ?
आज मैं आप दोस्तों के बीच में 
कविता सुना रहा हूँ
इसलिए मेरी जेब में एक ही बाघ है
लेकिन जब मैं कविता सुनाता हूँ -'उधर'
उधर- जिस तरफ रहते हैं मेरे दुश्मन 
अकेले अपने ही बूते पर 
तो मेरी जेब में एक नहीं दो बाघ रहते हैं
और तब मैं अपनी वो लाल वाली कमीज पहनता हूँ 
जिसकी कि आप दोस्त लोग बड़ी तारीफ़ करते हैं 
जिसमें सामने दो जेबें हैं 
मैं कविता पढता जाता हूँ
और मेरे बाघ सोते नहीं हैं 
बीडी पीते होते हैं 
और बीच बीच में 
धुएं के छल्ले छोड़ते जाते हैं ...
-- विद्रोही