नाम- रमाशंकर यादव "विद्रोही"
पूछ्ने पर कहते हैं कि "मैं तो नाम से ही विद्रोही हूँ. 'रमा' को तो विष्णु के साथ जाना था. यहाँ शंकर के साथ हैं."
उनकी कविताएँ लफ्फाजी नहीं हैं बल्कि ज़मीनी हकीकत को साहस के साथ बेपर्दा करती हैं.
.इस ब्लॉग पर आपको विद्रोही जी की कई कवितायेँ और उनके जीवन से जुडी कुछ बाते भी पढने को मिलेंगी..आप सब के सुझावों का स्वागत् है.
रविवार, 15 जून 2008
मछली का दुःख मछली जाने
मछली का दुःख मछली जाने लड़की का दुःख लड़की जाने
मछली का दुःख क्या मल्लाह जानेगा लड़की का दुःख क्या अल्लाह जानेगा?
विद्रोही को हम सुनते आ रहे हैं.आज उनकी कविताएँ पढ़ने को मिलीं.विद्रोही मोहभंग और विषाद के कवि हैं,पर जीवन और जगत से उनका लगाव चकित करता है.एक खरा आदमी विद्रोही होता है. बहरहाल आपने यह अच्छा कार्य किया है.
arundev ji ne yah sahi kaha ki vidrohi mohbhng aur visad ke kavi hain.lekin jab tak jeevan aur jagat se lagav nahi hoga tab tak mohbhang aur visad kaisa?
6 टिप्पणियां:
shi bole hai
विद्रोही जी को आप यहाँ तक ला पाए ,ये बहुत बड़ा काम किया है ... उनकी कवितायें अँधेरे में रौशनी जैसी हैं .
विद्रोही को हम सुनते आ रहे हैं.आज उनकी कविताएँ पढ़ने को मिलीं.विद्रोही मोहभंग और विषाद के कवि हैं,पर जीवन और जगत से उनका लगाव चकित करता है.एक खरा आदमी विद्रोही होता है.
बहरहाल आपने यह अच्छा कार्य किया है.
ldki ka dukh allah kya janega? bahut achha.
arundev ji ne yah sahi kaha ki vidrohi mohbhng aur visad ke kavi hain.lekin jab tak jeevan aur jagat se lagav nahi hoga tab tak mohbhang aur visad kaisa?
benaami janon se anurodh hai ki naam ke saath saamne aayen.
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