सोमवार, 16 जून 2008

नई खेती

मैं किसान हूँ
आसमान में धान बो रहा हूँ

कुछ लोग कह रहे हैं कि
पगले! आसमान में धान नहीं जमा
करता

मैं कहता हूँ गेगले गोगले पगले !
अगर ज़मीन पर भगवान जम सकता है
तो आसमान में धान भी जम सकता है
और अब तो दोनों में से कोई एक होकर रहेगा
या तो ज़मीन से भगवान उखड़ेगा
या आसमान में धान जमेगा।
------------- विद्रोही

रविवार, 15 जून 2008

मछली का दुःख मछली जाने

मछली का दुःख मछली जाने
लड़की का दुःख लड़की जाने

मछली का दुःख क्या मल्लाह जानेगा
लड़की का दुःख क्या अल्लाह जानेगा?